Wednesday, February 10, 2016

SPCL-2534-H : NARAK NAASHAK


SPCL-2534-H : NARAK NAASHAK
Description :
 
आज एक जालिम पिता ही सुना रहा है एक रोमांचक दास्ताँ कि कैसे उसने अपने बेटे को बनाया एक खुन्खार्तम अपराधी! कैसे उसने झूठ और नफरत में लबरेज परवरिश से उसे बना डाला मानवता का दुश्मन! कैसे उसने उसके मासूम बचपन में अपने स्वार्थ का विष घोला और उसे बना डाला नरक का शहंशाह! लेकिन इस सबके बावजूद वो मासूम बना मानवता का सबसे बड़ा मसीहा और कहलाया नरक नाशक! रोमांच और भावनाओं से ओतप्रोत यह उत्पत्ति श्रंखला एक महानायक का मासूम पक्ष उजागर करेगी
 

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