Tuesday, February 9, 2016

SPCL-2434-H : PRAJAY


SPCL-2434-H : PRAJAY
Description :
 
नागद्वीप के इतिहास में ऐसा युद्ध कभी नहीं लड़ा गया, जिसकी बिसात बिछ चुकी है| नागकुमारी विसर्पी से नागद्वीप का राज सिंहासन छीनने के लिए इस युद्ध की जड़ उसकी बुआ सुरसर्पा ने बजा दी है रणभेरी| सुरसर्पा की युद्ध पिपासा को भडका रहा है गुरु तान्त्रिश| गुरु तान्त्रिश के आह्वान पर सुरसर्पा के साथ जुड गए हैं विशाला, नागकर्ण, जैसे धुरंधर युद्ध नायक भी और उनकी सेना की दूसरी बड़ी शक्ती हैं सुरसर्पा के सौ बलशाली पुत्र सर्पशोले| हालांकि विसर्पी का साथ दे रहे हैं पञ्च नाग लेकिन गुरु तान्त्रिश की तंत्र शक्तियों के आगे सभी हैं बौने| इस युद्ध में विसर्पी के हिस्से में आणि ही है पराजय|
 

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